Gangaur Lok Geet

Gangaur Lok Geet

गौर गौर गोमती ईसर पूजे पार्वती

पार्वती का आला-गीला, गौर का सोना का टीका

टीका दे, टमका दे, बाला रानी बरत करयो

करता करता आस आयो वास आयो

खेरे खांडे लाडू आयो, लाडू ले बीरा ने दियो

बीरो ले मने पाल दी, पाल को मै बरत करयो

सन मन सोला, सात कचौला , ईशर गौरा दोन्यू जोड़ा

जोड़ ज्वारा, गेंहू ग्यारा, राण्या पूजे राज ने, म्हे पूजा सुहाग ने

राण्या को राज बढ़तो जाये, म्हाको सुहाग बढ़तो जाये,

कीड़ी- कीड़ी, कीड़ी ले, कीड़ी थारी जात है, जात है गुजरात है,

गुजरात्यां को पाणी, दे दे थाम्बा ताणी

ताणी में सिंघोड़ा, बाड़ी में भिजोड़ा

म्हारो भाई एम्ल्यो खेमल्यो, सेमल्यो सिंघाड़ा ल्यो

लाडू ल्यो, पेड़ा ल्यो सेव ल्यो सिघाड़ा ल्यो

झर झरती जलेबी ल्यो, हर-हरी दूब ल्यो गणगौर पूज ल्यो

इस प्रकार सोलह बार बोल कर अन्त में बोलें- एक-लो , दो-लो …… सोलह-लो।