Shanidev Aarti Lyrics in Hindi, Jai Jai Shri Shani Dev Lyrics
श्री शनिदेव की आरती
जय जय श्री शनिदेव भक्तन हितकारी भगवान शनिदेव की सबसे प्रसिद्ध आरती में से एक है। यह प्रसिद्ध आरती भगवान शनिदेव से सम्बन्धित अधिकांश अवसरों पर गायी जाती है।
भगवान शनि ज्योतिष के नवग्रह में से एक हैं। शनिदेव भगवान सूर्यदेव और उनकी पत्नी छाया के पुत्र है और इसलिए उन्हें छायापुत्र के नाम से भी जाना जाता है। वह यम देव के बड़े भाई है।
॥ शनिदेव की आरती ॥
जय जय श्री शनिदेवभक्तन हितकारी।
सूरज के पुत्र प्रभुछाया महतारी॥
जय जय श्री शनिदेव भक्तन हितकारी॥
श्याम अंग वक्र-दृष्टिचतुर्भुजा धारी।
निलाम्बर धार नाथगज की असवारी॥
जय जय श्री शनिदेव भक्तन हितकारी॥
क्रीट मुकुट शीश सहजदिपत है लिलारी।
मुक्तन की माल गलेशोभित बलिहारी॥
जय जय श्री शनिदेव भक्तन हितकारी॥
मोदक और मिष्ठान चढ़े,चढ़ती पान सुपारी।
लोहा, तिल, तेल, उड़दमहिषी है अति प्यारी॥
जय जय श्री शनिदेव भक्तन हितकारी॥
देव दनुज ऋषि मुनिसुमिरत नर नारी।
विश्वनाथ धरत ध्यान हमहैं शरण तुम्हारी॥
जय जय श्री शनिदेव भक्तन हितकारी॥