चैत्र अमावस्या 2025: इस दिन भूलकर भी न करें ये 7 गलतियां, वरना बढ़ सकती हैं परेशानियां!
चैत्र अमावस्या 2025 पर ये 5 काम करने से मिलेगी पितरों की कृपा, धन-समृद्धि होगी दोगुनी!
चैत्र अमावस्या 2025 की तिथि और शुभ मुहूर्त
हिंदू पंचांग के अनुसार, चैत्र अमावस्या 2025 की शुरुआत 28 मार्च की रात 07:55 बजे होगी और इसका समापन 29 मार्च को शाम 04:27 बजे होगा। पंचांग के अनुसार, इस वर्ष चैत्र अमावस्या का पर्व 29 मार्च को मनाया जाएगा।
चैत्र अमावस्या का धार्मिक महत्व
सनातन परंपरा में चैत्र अमावस्या का विशेष स्थान है। यह तिथि पितरों के तर्पण और श्राद्ध के लिए अति शुभ मानी जाती है। मान्यता है कि इस दिन किए गए धार्मिक कर्म पितरों को मोक्ष प्रदान करने में सहायक होते हैं। इसके अलावा, इस दिन पवित्र नदियों में स्नान करने और दान-पुण्य करने से भी विशेष फल की प्राप्ति होती है।
चैत्र अमावस्या पर ध्यान रखने योग्य बातें
- इस दिन पवित्र नदियों में स्नान करें।
- दान-पुण्य का विशेष महत्व होता है, अतः अधिक से अधिक दान करें।
- ब्राह्मणों को भोजन कराएं और जरूरतमंदों की सहायता करें।
- नकारात्मक विचारों से बचें और किसी भी विवाद में न पड़ें।
- तामसिक भोजन का सेवन न करें।
- इस दिन किसी नए कार्य की शुरुआत न करें।
पितृ दोष निवारण के उपाय
यदि किसी व्यक्ति की कुंडली में पितृ दोष है, तो चैत्र अमावस्या के दिन विशेष अनुष्ठान करने से लाभ प्राप्त होता है। इस दिन विधिपूर्वक पिंडदान, तर्पण और श्राद्ध करने से पितृ दोष का प्रभाव कम होता है और पूर्वजों को मोक्ष प्राप्त होता है।
चैत्र अमावस्या का यह पावन पर्व पूर्वजों की आत्मा की शांति के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है। सही विधि से पूजा-अर्चना करने से परिवार पर आने वाली बाधाएं दूर हो सकती हैं और समृद्धि का मार्ग प्रशस्त होता है।