गणेशोत्सव (Ganeshotsav)
गणेश चतुर्थी (Ganesh Chaturthi 2025) का पर्व पूरे भारत में खासकर महाराष्ट्र में बड़े ही उत्साह और धूम-धाम के साथ मनाया जाता है। इस दिन पर लोग अपने घरों में गणपति जी की स्थापना करते हैं और पूरे 10 दिनों श्रद्धाभाव से तक उनकी पूजा-अर्चना व सेवा करते हैं। इससे पूरे परिवार को सुख-समृद्धि का आशीर्वाद मिलता है। गणेश महोत्सव के दौरान गणपति बप्पा की पूजा की जाती है। आइए, गणेश चतुर्थी की सही डेट, शुभ मुहूर्त एवं योग जानते हैं।
हिंदू पंचांग के अनुसार, भाद्रपद माह की चतुर्थी तिथि की शुरुआत 26 अगस्त को दोपहर 01 बजकर 54 मिनट से होगी। वहीं, इसका समापन 27 अगस्त को दोपहर 03 बजकर 44 मिनट पर होगा। पंचांग को देखते हुए गणेश चतुर्थी का पर्व 27 अगस्त को शुरू होगा और इसी दिन गणेश स्थापना की जाएगी।
गणेश चतुर्थी पूजा मुहूर्त
गणपति स्थापना और गणपति पूजा मुहूर्त
ऐसा माना जाता है कि भगवान गणेश का जन्म मध्याह्न काल के दौरान हुआ था इसीलिए मध्याह्न के समय को गणेश पूजा के लिये ज्यादा उपयुक्त माना जाता है। हिन्दु दिन के विभाजन के अनुसार मध्याह्न काल, अंग्रेजी समय के अनुसार दोपहर के तुल्य होता है।
मध्याह्न मुहूर्त में, भक्त-लोग पूरे विधि-विधान से गणेश पूजा करते हैं जिसे षोडशोपचार गणपति पूजा के नाम से जाना जाता है।
गणेश चतुर्थी बुधवार, अगस्त 27, 2025 को
मध्याह्न गणेश पूजा मुहूर्त - 11:05 ए एम से 01:40 पी एम
अवधि - 02 घण्टे 34 मिनट्स
एक दिन पूर्व, वर्जित चन्द्रदर्शन का समय - 01:54 पी एम से 08:29 पी एम, अगस्त 26
अवधि - 06 घण्टे 34 मिनट्स
वर्जित चन्द्रदर्शन का समय - 09:28 ए एम से 08:57 पी एम
अवधि - 11 घण्टे 29 मिनट्स
चतुर्थी तिथि प्रारम्भ - अगस्त 26, 2025 को 01:54 पी एम बजे
चतुर्थी तिथि समाप्त - अगस्त 27, 2025 को 03:44 पी एम बजे
गणेश विसर्जन 2025
गणेश विसर्जन शनिवार, सितम्बर 6, 2025 को
गणेशोत्सव अर्थात गणेश चतुर्थी का उत्सव, 10 दिन के बाद, अनन्त चतुर्दशी के दिन समाप्त होता है और यह दिन गणेश विसर्जन के नाम से जाना जाता है। अनन्त चतुर्दशी के दिन श्रद्धालु-जन बड़े ही धूम-धाम के साथ सड़क पर जुलूस निकालते हुए भगवान गणेश की प्रतिमा का सरोवर, झील, नदी इत्यादि में विसर्जन करते हैं।