शीतला अष्टमी पर भूलकर भी न करें ये 7 गलतियां, वरना हो सकता है बड़ा नुकसान!

शीतला अष्टमी पर भूलकर भी न करें ये 7 गलतियां, वरना हो सकता है बड़ा नुकसान!


शीतला अष्टमी शुभ मुहूर्त
शीतला अष्टमी 2025: क्या करें और क्या न करें

हिंदू धर्म में चैत्र मास के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को शीतला अष्टमी व्रत का विशेष महत्व होता है। इसे बसौड़ा भी कहा जाता है। इस दिन माता शीतला को ठंडा या बासी भोजन अर्पित किया जाता है, और इसी प्रसाद से व्रत का पारण किया जाता है। भक्तगण पूरे श्रद्धा भाव से माता की पूजा-अर्चना करते हैं और व्रत रखते हैं।

शीतला अष्टमी का महत्व

धार्मिक मान्यता के अनुसार, शीतला अष्टमी व्रत करने और माता की पूजा करने से सभी कष्ट दूर होते हैं और जीवन में सुख-समृद्धि आती है। पौराणिक कथाओं के अनुसार, सृष्टि के रचयिता ब्रह्मा जी ने माता शीतला को संसार को रोगमुक्त और स्वस्थ बनाए रखने का उत्तरदायित्व सौंपा था। यही कारण है कि इस दिन व्रत और पूजन करने से व्यक्ति को रोगों से मुक्ति मिलती है। हिंदू धर्म ग्रंथों में बताया गया है कि इस व्रत के दौरान कुछ विशेष नियमों का पालन करना आवश्यक होता है।

शीतला अष्टमी 2025 की तिथि और शुभ मुहूर्त

तिथि प्रारंभ: 22 मार्च 2025 को प्रातः 4:23 बजे
तिथि समाप्ति: 23 मार्च 2025 को प्रातः 5:23 बजे
व्रत और पूजन तिथि: 22 मार्च 2025
पूजन का शुभ मुहूर्त: प्रातः 6:16 बजे से सायं 6:26 बजे तक

शीतला अष्टमी के दिन क्या करें?

✅ सुबह जल्दी उठकर स्नान करें और स्वच्छ वस्त्र धारण करें।
✅ घर के पूजा स्थल की साफ-सफाई करें।
✅ माता शीतला की विधिपूर्वक पूजा करें और उन्हें तिलक लगाएं।
✅ माता को काजल, मेंहदी और वस्त्र अर्पित करें।
✅ रात में बने घी के पकवान, चने की दाल और मीठे चावल का भोग लगाएं।
✅ शीतला अष्टमी व्रत कथा का पाठ करें।
✅ आटे का दीपक जलाकर माता शीतला की आरती करें।

शीतला अष्टमी के दिन क्या न करें?

❌ इस दिन घर में चूल्हा नहीं जलाना चाहिए।
❌ माता को ताजे भोजन का भोग न अर्पित करें।
❌ प्याज, लहसुन, मांसाहार और शराब का सेवन न करें।
❌ गहरे और चमकीले रंग के नए वस्त्र न पहनें।
❌ घर में झाड़ू लगाने से बचें, ऐसा करने से माता रुष्ट हो सकती हैं।
❌ सुई-धागे का उपयोग न करें।
❌ पशु-पक्षियों को परेशान न करें, बल्कि उनकी सेवा करें।

शीतला अष्टमी का व्रत न केवल धार्मिक आस्था से जुड़ा है, बल्कि यह स्वस्थ जीवन के लिए भी विशेष रूप से महत्वपूर्ण माना जाता है। इस दिन माता शीतला की उपासना करने से परिवार में सुख-शांति और आरोग्य की प्राप्ति होती है।

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