खरमास में भूलकर भी न करें ये काम, वरना हो सकते हैं अशुभ प्रभाव!
खरमास हिंदू धर्म में एक विशेष काल होता है, जिसमें शुभ और मांगलिक कार्यों को करने की मनाही होती है। यह अवधि तब आती है जब सूर्य धनु या मीन राशि में प्रवेश करता है। यह समय आत्मचिंतन, धार्मिक अनुष्ठान और भगवान की आराधना के लिए उत्तम माना जाता है।खरमास 2025 कब है?
खरमास साल में दो बार आता है:
दिसंबर-जनवरी: जब सूर्य धनु राशि में प्रवेश करता है।
मार्च-अप्रैल: जब सूर्य मीन राशि में होता है।
खरमास 2025 की अवधि:
दिसंबर खरमास: 16 दिसंबर 2024 से 14 जनवरी 2025
मार्च खरमास: 14 मार्च 2025 से 13 अप्रैल 2025
खरमास में क्या करें और क्या न करें?
✅ खरमास में क्या करें?
इस दौरान भगवान विष्णु, सूर्य देव और भगवान शिव की पूजा करें।
रोज़ सूर्य देव को अर्घ्य दें और उनकी उपासना करें।
दान-पुण्य करना अत्यंत शुभ माना जाता है। गरीबों को अन्न, वस्त्र और जरूरत की चीजें दान करें।
इस समय गाय को चारा खिलाना और ब्राह्मणों को भोजन कराना पुण्यकारी होता है।
इस दौरान गंगा स्नान और भागवत कथा सुनने का विशेष महत्व होता है।
❌ खरमास में क्या न करें?
इस समय शादी, गृह प्रवेश, मुंडन, नया व्यापार शुरू करने जैसे मांगलिक कार्य वर्जित माने जाते हैं।
नए वाहन या घर खरीदने से बचना चाहिए।
अनावश्यक खर्च और वाद-विवाद से दूर रहें।
खरमास में जाप करने योग्य मंत्र
सूर्य देव के लिए मंत्र
ॐ घृणिः सूर्याय नमः॥
ॐ ह्रां ह्रीं ह्रौं सः सूर्याय नमः॥
भगवान विष्णु के लिए मंत्र
ॐ नमो भगवते वासुदेवाय॥
ॐ विष्णवे नमः॥
भगवान शिव के लिए मंत्र
ॐ नमः शिवाय॥
महामृत्युंजय मंत्र:
ॐ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम्। उर्वारुकमिव बन्धनान् मृत्योर्मुक्षीय माऽमृतात्॥
खरमास आत्मशुद्धि और भक्ति का समय होता है। इस दौरान भगवान की आराधना, दान-पुण्य और साधना करना शुभ फलदायी माना जाता है। इसलिए इस पवित्र काल में उपरोक्त मंत्रों का जाप करें और धार्मिक कार्यों में ध्यान लगाएं।