Phalguna Maas

फाल्गुन मास 2025 (Phalguna Maas 2025)

फाल्गुन मास हिंदू पंचांग का अंतिम महीना है, जिसके बाद हिंदू नववर्ष की शुरुआत होती है। चैत्र हिंदू पंचांग के बारह महीनों में पहला महीना है, और फागुन आखिरी महीना है। अंग्रेजी कैलेंडर के अनुसार फाल्गुन मास फरवरी या मार्च में आता है।

फाल्गुन मास का महत्व

फाल्गुन मास में भगवान शिव और भगवान विष्णु की विशेष कृपा प्राप्त होती है। क्योंकि इस महीने में भगवान शिव को समर्पित महाशिवरात्रि और भगवान विष्णु से संबंधित आमलकी एकादशी मनाई जाती है। फाल्गुन माह को हिंदू पंचांग का आखिरी महीना माना जाता है और यह माह खास रूप से भगवान विष्णु की पूजा के लिए उपयुक्त माना जाता है. भगवान विष्णु की पूजा करने से व्यक्ति के जीवन में समृद्धि, सुख और शांति का वास होता है. इसके अलावा, इस माह में भगवान विष्णु की उपासना से व्यक्ति के पाप समाप्त हो जाते हैं और मोक्ष की प्राप्ति की संभावना बढ़ जाती है.

फाल्गुन माह का एक अन्य प्रमुख दिन महाशिवरात्रि है, जो भगवान शिव और माता पार्वती के मिलन का प्रतीक है. इस दिन विशेष पूजा-अर्चना और व्रत रखा जाता है. भगवान शिव की पूजा से व्यक्ति के जीवन में ग्रहों के दोषों को समाप्त किया जा सकता है. इसके अलावा, शिव की पूजा से मानसिक शांति और आंतरिक बल मिलता है, जो जीवन के कठिन हालात में सहारा प्रदान करता है. स्कंद पुराण में कहा गया है कि इस माह में शिवलिंग की उपासना करने से व्यक्ति को मोक्ष की प्राप्ति होती है।

इस माह में “ॐ नमः शिवाय” मंत्र का जाप विशेष रूप से प्रभावी माना जाता है. इसे नियमित रूप से जाप करने से व्यक्ति के जीवन में सुख और शांति का वास होता है.

फाल्गुन माह को चंद्रमा का जन्म माह भी कहा जाता है. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, चंद्रमा का जन्म इसी माह की पूर्णिमा के दिन हुआ था. चंद्रमा को मन और मानसिक स्थिति का कारक माना जाता है. इस माह में चंद्रमा की पूजा से मानसिक शांति मिलती है और नकारात्मक विचारों का अंत होता है. अगर आप अपने जीवन में मानसिक शांति और सकारात्मकता चाहते हैं तो फाल्गुन माह में चंद्रमा की पूजा करना अत्यंत फायदेमंद हो सकता है.

माघ मास की तरह फाल्गुन मास में भी दान का विशेष महत्व है। इस माह में अपने सामर्थ्य के अनुसार शुद्ध घी, सरसों का तेल, मौसमी फल, अनाज, वस्त्र आदि जरूरतमंदों को दान करना चाहिए। ऐसा करने से पुण्य की प्राप्ति होती है। साथ ही पितरों के निमित्त तर्पण करने से शुभ फल की प्राप्ति होती है।

फाल्गुन मास पूजा

इस मास में होली का पर्व अत्यंत धूमधाम से मनाया जाता है, जो बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक है। होली का संबंध भक्त प्रहलाद और होलिका की कथा से है, जिसमें सत्य और भक्ति की विजय होती है। शास्त्रों के अनुसार, होलिका दहन के दिन अग्नि में अर्पण करने से नकारात्मक ऊर्जाएं नष्ट होती हैं और जीवन में सकारात्मकता बढ़ती है।

फाल्गुन मास में माता सीता, श्रीकृष्ण, मां लक्ष्मी और चंद्र देव की पूजा करने का विधान है। माना जाता है कि इस महीने में इन देवी-देवताओं की पूजा करने से सभी संकटों से मुक्ति मिलती है और सुख-समृद्धि, धन की प्राप्ति होती है।

फाल्गुन मास 2025

इस वर्ष फाल्गुन मास की गणना 13 फरवरी, 2025 - 14 मार्च, 2025 तक है।

फाल्गुन मास 2025 व्रत, पर्व और उत्सव

16 फरवरी, रविवार - द्विजप्रिय संकष्टी चतुर्थी

24 फरवरी, सोमवार - विजया एकादशी

25 फरवरी, मंगलवार - भौम प्रदोष व्रत कथा

26 फरवरी, बुधवार - महाशिवरात्रि

27 फरवरी, बृहस्पतिवार - दर्श अमावस्या, अन्वाधान, फाल्गुन अमावस्या

1 मार्च, शनिवार - फुलैरा दूज, चन्द्र दर्शन

10 मार्च, सोमवार - आमलकी एकादशी

11 मार्च, मंगलवार - प्रदोष व्रत

13 मार्च, बृहस्पतिवार - छोटी होली, होलिका दहन

14 मार्च, शुक्रवार - वसन्त पूर्णिमा, होली, मीन संक्रान्ति, चन्द्र ग्रहण *पूर्ण, फाल्गुन पूर्णिमा, अन्वाधान

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